पूर्णागिरि मेला, बनबसा में 30 मार्च से 07 अप्रैल 2025 तक सीमांत सेवा फाउंडेशन द्वारा संचालित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का विधिवत समापन हो गया। इस नौ दिवसीय शिविर में कुल 3943 मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें सैकड़ों श्रद्धालुओं को निःशुल्क शुगर और बीपी जांच की सुविधा प्रदान की गई। इसके साथ ही, प्राथमिक उपचार, निःशुल्क दवाइयां, नेबुलाइजर, ऑक्सीजन, ग्लूकोज व IV ड्रिप जैसी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
सीमांत सेवा फाउंडेशन के इस शिविर में श्री राम मूर्ति अस्पताल बरेली का विशेष योगदान रहा। संस्थान की ओर से प्रत्येक दिन तीन डॉक्टरों की टीम भेजी गई, जिससे मेले में आए श्रद्धालुओं को बेहतर और निरंतर चिकित्सा सुविधा मिल सकी। इसके अलावा, फार्मासिस्ट और अन्य मेडिकल स्टाफ ने भी इस पूरे अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस योगदान के लिए मां पूर्णागिरी निःशुल्क चिकित्सा शिविर के संयोजक दीपक रजवार जी ने श्री राममूर्ति अस्पताल बरेली, जमुना हॉस्पिटल खटीमा, स्वास्तिक हॉस्पिटल खटीमा सहित सभी सहयोगी संस्थानों और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया।
नवरात्रि मेले के दौरान हजारों श्रद्धालु माता पूर्णागिरि के दर्शन के लिए लंबी और कठिन यात्रा करते हैं। इस दौरान अत्यधिक थकान, डिहाइड्रेशन, रक्तचाप की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, घुटनों और पैरों में दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में सीमांत सेवा फाउंडेशन के इस स्वास्थ्य शिविर ने श्रद्धालुओं के लिए एक राहत केंद्र के रूप में कार्य किया। कई ऐसे श्रद्धालु, जो अचानक तबीयत बिगड़ने की वजह से असहज महसूस कर रहे थे, उन्हें तुरंत उपचार देकर राहत प्रदान की गई। गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन और ग्लूकोज जैसी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं भी सुनिश्चित की गईं।
श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों ने महसूस किया कि इस तरह की स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता सिर्फ मेले तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि सीमांत क्षेत्र में एक ऐसा चिकित्सा केंद्र होना चाहिए, जहां पूरे वर्ष बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
सीमांत सेवा फाउंडेशन का यह प्रयास न केवल एक चिकित्सा सेवा का अभियान था, बल्कि मानवता की सच्ची मिसाल भी पेश करता है। यह शिविर जरूरतमंदों को तत्काल और निःशुल्क चिकित्सा सहायता प्रदान करने का एक प्रभावी माध्यम बना। इसमें लगे डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और स्वयंसेवकों ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपनी सेवाएं दीं। दिन-रात चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने वाली इस टीम ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी श्रद्धालु बिना उपचार के न लौटे।
इस सफल आयोजन के बाद, सीमांत सेवा फाउंडेशन भविष्य में भी इसी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने और जरूरतमंदों तक पहुँचने का संकल्प लेता है। प्रशासन, स्वयंसेवकों, डॉक्टरों और दानदाताओं के सहयोग से यह संभव हो पाया कि सीमांत क्षेत्र में हजारों लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। सीमांत सेवा फाउंडेशन इस सफलता को समाज के प्रति अपनी सेवा भावना को और अधिक सशक्त करने की प्रेरणा के रूप में लेता है और भविष्य में इसे और बड़े स्तर पर संचालित करने के लिए प्रयासरत रहेगा।
इस कैंप में सुभाष थपलियाल,ललित कुंवर, अभिनव चंद, पंकज मुरारी, मनोज कश्यप, सुशील वर्मा, जतिन देउपा, नितिन कलौनी, विक्रम बोरा, चंदन, पीयूष, आयुष, अर्पित, वंश, प्रेमा, पलक, अभाव्या, खुशी, नितेश, संकेत, पंकज आदि लोगों ने सहयोग दिया ।

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