*कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: दूसरा जत्था टनकपुर पहुंचा, पारंपरिक और भव्य स्वागत

चंपावत 08 जुलाई 2025,

*कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: दूसरा जत्था टनकपुर पहुंचा, पारंपरिक और भव्य स्वागत*

पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के दूसरे जत्थे का मंगलवार को टनकपुर में परंपरागत उत्तराखंडी अंदाज में भव्य स्वागत किया गया। कुल 48 यात्रियों (34 पुरुष और 14 महिलाएं) के इस दल का स्वागत जिला प्रशासन और कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधिकारियों द्वारा उत्साहपूर्वक किया गया।

KMVN द्वारा यात्रियों की स्वागत व्यवस्था, ठहराव, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण और यात्रा मार्गदर्शन की समुचित व्यवस्था की गई। स्थानीय रीति-रिवाजों और आतिथ्य से सजे स्वागत के दौरान यात्रियों के चेहरों पर पवित्र यात्रा की शुरुआत को लेकर उत्साह और श्रद्धा झलक रही थी।

KMVN के अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, “हमें कैलाश मानसरोवर यात्रा के दूसरे जत्थे का स्वागत करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है। हमारी प्राथमिकता यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार यात्रा अनुभव प्रदान करना है। हमने उनके लिए हर आवश्यक सुविधा सुनिश्चित की है।”

टनकपुर में रात्रि विश्राम के बाद यह जत्था अपनी अगली यात्रा के लिए प्रस्थान करेगा, जो मंच, गुंजी, नाभीढांग होते हुए लिपुलेख दर्रे के माध्यम से पवित्र कैलाश मानसरोवर तक जाएगी। पूरे मार्ग पर राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सहायता, ठहराव, वाहन सुविधा, पोर्टर सेवा एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।

इस जत्थे में देश के विभिन्न 13 राज्यों से 48 श्रद्धालु शामिल हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:
आंध्र प्रदेश – 3, असम – 1, दिल्ली – 5, झारखंड – 1, कर्नाटक – 6, मध्य प्रदेश – 2, महाराष्ट्र – 4, पंजाब – 2, राजस्थान – 5, तमिलनाडु – 3, तेलंगाना – 2, उत्तर प्रदेश – 4, तथा पश्चिम बंगाल – 4।

कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल एक धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि भारत-तिब्बत सीमा के कठिन और रोमांचक मार्गों से जुड़ा एक साहसिक अनुभव भी है। इस यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने में कुमाऊं मंडल विकास निगम, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य सरकार यात्रा के हर चरण में यात्रियों को सहयोग, सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी श्री बलवंत कपकोटी, श्रद्धालु, स्कूली बच्चे व अन्य उपस्थित रहे।

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