2100 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने दिए आदेश जल्द होंगे जनपदवार आवेदन — प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा बल

2100 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने दिए आदेश
जल्द होंगे जनपदवार आवेदन — प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा बल

देहरादून। उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत 2100 सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए निदेशक प्राथमिक शिक्षा को भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने को कहा है।

डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में प्राथमिक शिक्षकों के करीब 2100 पद रिक्त हैं। इनमें से 451 पदों पर भर्ती प्रक्रिया उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, जबकि शेष 1649 पदों पर शीघ्र भर्ती शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक जनपद कैडर के अंतर्गत आते हैं, इसलिए भर्ती की विज्ञप्ति जिला स्तर से जारी होगी।

जिला स्तर से होंगे आवेदन आमंत्रित
शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) के स्तर से जनपदवार रिक्तियों के सापेक्ष आवेदन मांगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है। पिछले दो वर्षों में सरकार ने 3000 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की है।

एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को भी मिलेगा मौका
डॉ. रावत ने बताया कि एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षुओं को शामिल करने को लेकर पूर्व में भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में लंबित थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राज्य कैबिनेट ने बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन कर 2017 से 2019 के एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने का निर्णय लिया है। साथ ही सहायक अध्यापक (विशेष शिक्षा) के पदों को भी नियमावली में जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि शासन स्तर से निदेशक प्राथमिक शिक्षा को आदेश जारी कर दिए गए हैं ताकि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा सके।

‘हर प्राथमिक विद्यालय में होगा शिक्षक’ — डॉ. रावत
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित हो सकेगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।

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