*पर्यटन को नए पंख : बाणासूर के बाद अब डांडा–ककनई में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण प्रारम्भ

चम्पावत 23 नवम्बर 2025,

*पर्यटन को नए पंख : बाणासूर के बाद अब डांडा–ककनई में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण प्रारम्भ*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के पर्यटन क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के निर्देशों के क्रम में जनपद चम्पावत में साहसिक पर्यटन को नई उड़ान मिल रही है। बाणासूर के बाद अब डांडा ककनई क्षेत्र भी पैराग्लाइडिंग के लिए तेजी से विकसित हो रहे हैं।

वर्तमान में डांडा में ‘पैराग्लाइडिंग उड़ान अभ्यास’ नाम से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित है, जिसमें सोलो पैराग्लाइडिंग पायलट प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पायलटों को अभी सोलो उड़ान की ट्रेनिंग दी जा रही है और 100 घंटे की उड़ान पूरी होने पर वे टैंडम (कमर्शियल) पायलट बनने के लिए पात्र होंगे।

डांडा में 6 नवम्बर से 25 नवम्बर तक प्रथम बैच तथा 26 नवम्बर से 16 दिसम्बर तक दूसरे दल का प्रशिक्षण तय किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में यहां पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा सकती हैं।

इसी क्रम में जिले का दूरस्थ क्षेत्र डांडा भी तेजी से भविष्य के पैराग्लाइडिंग हब के रूप में उभर रहा है। पूर्व में पैराग्लाइडिंग पायलटों ने बाणासूर किले क्षेत्र से उड़ान भरी थी, लेकिन ककनई साइट पैराग्लाइडिंग के लिए अधिक उपयुक्त पाए जाने के बाद यहां एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों को पंख लगने की उम्मीद है।

यहां उड़ान भर रहे पायलट करीब तीन घंटे तक आसमान में रोमांचक उड़ान का अनुभव कर रहे हैं। यह स्थल पैराग्लाइडिंग के सभी मानकों पर खरा उतर रहा है—यहां बेहतर थर्मल, उपयुक्त हवा का रुख और सुरक्षित लैंडिंग ग्राउंड उपलब्ध है।

महाराष्ट्र के विशेषज्ञ प्रशिक्षक श्री आकाश ने भी ककनई को पैराग्लाइडिंग के लिए अत्यंत उपयुक्त बताया और कहा कि भविष्य में यहां राष्ट्रीय स्तर की पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकती हैं।

पर्यटन सचिव श्री धीराज गर्ब्याल की पहल पर प्रदेश में नई पैराग्लाइडिंग साइट्स चिह्नित की जा रही हैं और राज्य के 120 से अधिक पैरा पायलटों को विशेषज्ञ पर्यवेक्षण में प्रशिक्षित करने का कार्य चल रहा है।

संपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम श्री बलवंत सिंह कपकोटी, प्रशिक्षण समन्वयक एवं साहसिक खेल अधिकारी, भीमताल के निर्देशन में संचालित किया जा रहा है।

डांडा ककनई क्षेत्र पर्यटन और साहसिक खेलों के मानचित्र पर तेज़ी से उभर रहे हैं। इन दोनों स्थलों के विकसित होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और एडवेंचर टूरिज्म के नए अवसर खुलेंगे तथा चम्पावत जिला साहसिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *